
भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 95वें जन्म दिवस पर(25 दिसम्बर 2019) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अटल भूजल योजना को आरम्भ किया।
अटल भूजल योजना विश्व बैंक से भी वित्त पोषित होगी। यह एक केंद्रीय योजना । विश्व बैंक ने 2018 में ही इस योजना का अनुमोदन कर दिया था।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर भूजल स्तर में सुधार करना है।
भारत की स्तिथि—
भारत में विश्व की कुल आबादी का क़रीब 16% लोग निवास करते है जबकि विश्व के पीने योग्य पानी का केवल 4% ही भारत में है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार सिंधु, कावेरी, कृष्णा, सुवर्णरेखा, पेन्नार, माही, साबरमती आदि नदियाँ जल की कमी से जूझ रही है अर्थात इनमे इनकी क्षमता से कम पानी रह गया है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार 2025 में भारत में प्रतिव्यक्ति जल उपलब्धता 1434 क्यूबिक मीटर होगी जो 2050 में कम होकर 1219 क्यूबिक मीटर रह जाएगी।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार यदि प्रतिव्यक्ति जल उपलब्धता 1700 क्यूबिक मीटर से कम होती है तो इसे जल तनाव ( Water stressed conditions) कहा जाता है जबकि यदि यह 1000 क्यूबिक मीटर से कम हो जाए तो इसे ज़ल अभाव( water scarcity conditions) कहा जाता है।
भारत की जनसंख्या तेज़ी से बढ़ रही ऐसे में पानी की आवश्यकता में भी तेज़ी से वृद्धि होगी।
भारत के 15 राज्यों में कुल भूजल का 90% हिस्सा है जैसे- उत्तर प्रदेश-16.2%, मध्य प्रदेश-8.4%, महाराष्ट्र-7.3%, बिहार-7.2%, पश्चिम बंगाल-6.8%, असम-6.6% आदि।
उत्तर भारत विशेषकर दिल्ली , हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के कल संसाधनों का अत्यधिक दोहन हुआ है। यंहा के 60 % से अधिक जल संसाधन विकट स्तिथि में है।

अटल भूजल योजना—
* आरम्भ में यह योजना 7 राज्यों( गुजरात, हरियाणा,कर्नाटक,मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र,राजस्थान व उत्तर प्रदेश) में लागू किया जाएगा।
* इस योजना को 5 वर्ष (2020-21 से 2024-25) के लिए लागू किया जाएगा।
* इसके तहत 78 ज़िलो की 8350 ग्राम पंचायतों में जल संकट की समस्या का समाधान किया जाएगा व परिस्थिति के अनुरूप आगे बढ़ाया जाएगा।
* इस योजना का मुख्य उद्देश्य भूजल स्तर में सुधार करना तथा जल उपभोग को अधिक युक्ति-युक्त बनाना है।
*इसका उद्देश्य सामुदायिक स्तर पर जल संरक्षण के सम्बंध में जागरूकता में वृद्धि करना भी है।
* जो ज़िले व पंचायत इसके सम्बंध में अच्छा कार्य करेंगे उन्हें अधिक फंड दिया जाएगा।
* इस योजना के तहत 6000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है इनमे से 50% विश्व बैंक के द्वारा ऋण दिया गया है जिसे केंद्र सरकार चुकाएगी।

इस योजना के प्रभाव-
• इससे भूजल स्तर का सही डेटाबेस तैयार करने में सहायता होगी।
• पंचायत स्तर पर जल उपभोग के सम्बंध में जागरूकता को बढ़ावा मिलेगा।
•समुदाय के लिए जल सुरक्षा सुनिस्चित हो सकेगी
*जल संसाधनों का प्रभावी दोहन सुनिस्चित होगा इसके लिए सूक्ष्म सिंचाई , फसल विविधिकरण आदि का प्रयोग किया जाएगा।
* इससे किसानों की आय को दोगुना करने में सहायता होग़ी।
* यह योजना मुख्यतः भूजल स्तर में सुधार से सम्बंधित है अतः जब भूजल में सुधार होगा किसानों को सिंचाई में सुविधा होग़ी जिससे किसानी अधिक आसान हो सकेगी।
